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गीत :- ( मां गौरी से प्रार्थना ) -

आज दिनांक ७.२.२४ को प्रदत्त स्वैच्छिक विषय पर प्रतियोगिता वास्ते मेरी प्रस्तुति:-
गीत :- ( मां गौरी से प्रार्थना )
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कोई नहीं है मेरा जग मे,मां तू मुझे बुला लेना,
अनुपम सुख दे कर अपनी गोदी मे,प्यार की नींद सुला देना।

मैं शोकार्त,अकिन्चन,निर्बल,अभगति को हूं प्राप्त हुआ,
मां तेरा अत्याज्य पुत्र हूं,अवसाद -तमस से घिरा हुआ ।

पुण्य  कर्म न प्रशस्त कर्म हैं,मां है क्षमाशील मेरी,
निर्मिमेश मैं देखा करता,तमस भरी रातें मेरी ।

अपनी चरण-शरण मे लेकर,मां क्षमादान मुझको देना,
एक बार मेरे सिर पे हाथ रख,सीने से मुझे लगा लेना ।

अट्टालिकाओं की चाह नहीं थी,न अपवर्ग का ख़्याल आया,
जिजीविषा की चाह नहीं मां,सब तेरे चरणों मे पाया ।

मां तेरा अक्षुण्ण प्रेम है,तेरी दया-क्षमा अनुपम,
दुर्गुण मेरे क्षमा करना मां,तेरी चरण,-रज का प्रभाव अनुपम ।

मेरा कोई नहीं दुनिया मे मां तू मुझे बुला लेना,
अनुपम सुख अपने आंचल का दे कर मुझे सुला देना।

आनन्द कुमार मित्तल, अलीगढ़

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5 Comments

Sushi saxena

14-Feb-2024 05:24 PM

Very nice

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Mohammed urooj khan

08-Feb-2024 11:58 AM

👌🏾👌🏾👌🏾👌🏾

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बेहतरीन अभिव्यक्ति और खूबसूरत भाव

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